अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है और आप उसे क्लोज करवाना चाह रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है आरबीआई ने credit card closing को लेकर एक नई पॉलिसी बनाई है जिससे आप आप अपना क्रेडिट कार्ड आसानी से क्लोज कर पाएंगे, एवं इसके साथ ही कई और विषयों पर भी गाइड लाइन तय की है और यदि credit कार्ड जारीकर्ता द्वारा आरबीआई की गाइडलाइन का उल्लंघन किया जाता है तो उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी आइए जानते हैं विस्तार से
credit card close New Rule
अभी तक जब भी किसी को अपना क्रेडिट Credit Card Close करवाना होता था तो उसे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था कई बार कंपनी को कॉल करके बोलने पर भी क्रेडिट कार्ड क्लोज नहीं होता था जिससे यूजर फ्रस्ट्रेटेड हो जाता था आरबीआई ने ग्राहकों को होने वाली इस असुविधा के लिए एक न्यू गाइडलाइन बनाई है
अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड क्लोज करवाना चाहते हैं जिसके लिए आपने रिक्वेस्ट डाल दी है और आप का बिल भुगतान है तब कंपनी को 7 दिन के अंदर कार्ड को क्लोज पड़ेगा। ऐसा न करने पर कार्ड जारीकर्ता हर दिन कार्ड बंद होने तक ₹500 कार्ड होल्डर को चुकाएगा।
इस पेनल्टी के चलते कंपनी अब credit card क्लोजिंग रिक्वेस्ट को टाल नहीं सकेगी और कार्ड 7 दिन में ही बंद कर देगी।
credit card closing में करती थी आना कानी
अभी जब हम क्रेडिट कार्ड को क्लोज करने के लिए कस्टमर केयर को कॉल करते है तब कंपनी पहले तो यह बोलती है कि अभी आपका dew बकाया है पहले उसे क्लियर करिए तब आपका कार्ड क्लोज होगा।
जबकि कई बार ऐसा होता है कि हमारी तरफ से deu कंपलीट रहता है पर वह सेटलमेंट में गड़बड़ी के चलते कुछ अमाउंट deu दिखाती रहती है और जब सेटलमेंट हो जाता है तब भी credit card close नहीं होता है एवं जब हम दोबारा संपर्क करते हैं तब फिर credit card issuer की तरफ से यह बोला जाता है की ऑफलाइन पोस्ट के माध्यम से credit card closing form भेजिए उसके बाद आप का क्रेडिट कार्ड बंद कर दिया जाएगा।
अब आप समझ सकते होंगे कि ऑफलाइन फॉर्म भेजने में कितनी असुविधा होती है पर फिर भी चूंकि हमे कार्ड क्लोज करवाना है तो हम यह भी करते है परंतु कई बार ऑफलाइन क्लोजिंग फॉर्म भेजने के बाद भी कंपनी के द्वारा क्रेडिट कार्ड क्लोज नहीं किया जाता है।
और जब बैंक या एनबीएफसी से दोबारा संपर्क करते हैं तो कस्टमर केयर के द्वारा हमें बताया जाता था कि आपका फॉर्म हमें प्राप्त नहीं हुआ है जिसके चलते आपका card close नहीं किया जा सकता, आपको दोबारा से क्लोजिंग का फॉर्म भेजना पड़ेगा।
इन सब कारणों के चलते बहुत समय बीत जाता है पर कार्ड बंद नहीं होता है कई बार तो इतना लंबा वक्त हो जाता है की क्रेडिट कार्ड पर फिर से मेंटेनेंस चार्ज जोड़ दिया जाता है
और फिर कंपनी के द्वारा बोला जाता है कि आपका क्रेडिट कार्ड बिल बकाया है पहले क्लियर कीजिए उसके बाद आपका कार्ड क्लोज होगा. और इस प्रकार से सभी क्रेडिट कार्ड देने बाली संस्थाएं फिर चाहे बैंक हो या nbfc या अन्य कोई कंपनी करती है।
क्या कहा है rbi ने
क्रेडिट कार्ड धारक के हितों और सुरक्षा के लिए आरबीआई जिसे हम सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नाम से जानते हैं ने कुछ बिंदु वार पॉइंट रखे हैं जिन्हें क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को मानना ही होगा ना मानने की स्थिति में उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी
- क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि कार्ड होल्डर को गलत बिल नहीं भेजेगा और यदि कार्ड होल्डर के द्वारा बिल को लेकर कोई आपत्ति है तब कार्ड जारी करता संपूर्ण बिल का explanation देगा एवं उसके डॉक्यूमेंट भी उपलब्ध करवाएगा आरबीआई ने डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाने की समय सीमा 30 दिन रखी है विवाद का समाधान होने तक कार्ड धारक के ऊपर कोई भी शुल्क नहीं लगाया जा सकता।
- कार्ड धारक की परमिशन के बिना कोई भी फैसिलिटी नहीं दी जा सकती है और ना ही किसी प्रकार का लोन दिया जा सकता है और यदि कार्ड धारक को बताए बिना किसी भी फैसिलिटी को रेनू की जाती है आगे बढ़ाई जाती है तब कार्ड जारीकर्ता इसके लिए जिम्मेदार होगा जिसके लिए उसे पेनल्टी भी चुकानी पड़ सकती है आरबीआई नॉर्म्स के अनुसार।
- कार्ड issuers स्वत: ही कार्ड को अपग्रेड नहीं कर सकते और ना ही credit card limit को बढ़ा सकते हैं इसके लिए कार्ड धारक को सूचना देनी पड़ेगी।
- कार्ड issuers या फिर उनका कोई भी एजेंट कार्ड होल्डर को बकाया राशि की वसूली के लिए धमकी नहीं दे सकता और ना ही फिजिकली हरासमेंट कर सकता है और ना ही कार्ड धारक की फैमिली मेंबर को परेशान किया जा सकता है
- बकाया बिल भुगतान के लिए या फिर मार्केटिंग के लिए कार्ड धारक की जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- credit card holder के द्वारा क्लोजिंग रिक्वेस्ट डाली जाती है तो कंपनी को बिल भुगतान होने पर सात कार्य दिवस में क्रेडिट कार्ड को बंद करना पड़ेगा। किसी कारण के चलते अगर ऐसा नहीं किया जा सकता तब कार्ड जारीकर्ता को ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से कार्ड होल्डर को देने पड़ेंगे।
- क्रेडिट कार्ड पर कोई भी हिडन चार्ज नहीं लगाया जा सकता इसकी संपूर्ण जानकारी कार्ड होल्डर को देनी पड़ेगी
- कार्ड जारीकर्ता स्टैंडर्ड billing cycle नहीं बना सकता ग्राहक अपने हिसाब से एक बार बिलिंग साइकल मॉडिफाई कर सकता है
- क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले चार्ज बढ़ाने से पहले ग्राहक को एक महीना पहले सूचित करना पड़ेगा और यदि कार्ड होल्डर नए चार्ज से संतुष्ट नहीं है और कार्ड को सरेंडर करना चाह रहा है तब बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज के कार्ड को बंद करना पड़ेगा।

RBI को मिल रही थी शिकायते
उपरोक्त बिंदुओं को लेकर आरबीआई को कई शिकायतें मिल रही थी जिसमें सभी कार्ड जारी करने वाली एजेंसियों की शिकायतें सम्मिलित थी ग्राहकों द्वारा बताया जा रहा था उन पर गलत तरीके से चार्ज लगाए जाते हैं एवं कंपनी मनमानी कर रही है बिना उनकी जानकारी के लोन अप्रूव कर देती हैं credit कार्ड की लिमिट बढ़ा देती है या फिर इंटरेस्ट रेट को बढ़ा देती है और बिल भुगतान न करने पर या bill late होने पर उन्हें परेशान किया जा रहा है उनकी फैमिली मेंबर को भी धमकाया जाता है हाल ही में कई केस भी ऐसे सुनने में आए हैं कि क्रेडिट कार्ड एजेंट द्वारा बकाया बिल का भुगतान न करने पर ग्राहक को मारा पीटा गया है और जबरन वसूली की गई है.
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