emerging technology जो दुनिया का स्वरूप बदल रही है?

हमारी दुनिया अब टेक्नोलॉजी की दुनिया है और इसमें हर महीने कोई बड़ा इनोवेशन सामने आ रहा है और ऐसा हर इनोवेशन या उत्पाद अपनी क्षमताओं से हमें चौका देता है देखते ही देखते कितनी सारे टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में आ चुकी है एवं जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है आज हम बात करेंगे emerging technology के बारे में जो हमारे जीवन के सारे अनुभव बदल रही है।

नई नई टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ही अनेकों नई संभावनाएं भी नजर आ रही हैं इस बदलाव से इतनी तेजी के साथ नए अवसर विकसित हो रहे हैं की इस समूची प्रक्रिया को चौथी औद्योगिक क्रांति कहा जा सकता है यह नई टेक्नोलॉजी आधुनिक दौर में दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है

emerging technology में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग एनएफटी तथा metaverse के प्रयोग के चमत्कारिक परिणाम सामने आ रहे हैं और इनका विस्तार अत्यधिक व्यापक होने के साथ ही इनसे भविष्य की संभावनाओं में भी असीम वृद्धि हुई है नई टेक्नोलॉजी यों से नए-नए समाधान मिलने से परंपरागत बैंकिंग मेडिकल एग्रीकल्चर क्षेत्र में 10 रन देकर जा रहे हैं

आज हम जानेंगे उन इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के बारे में जो जीवन का स्वरूप बदल रही है यह आने वाले समय में पूरी दुनिया को बदल देंगी जीवन के मायने बदल जाएंगे जिंदगी जीने का तरीका बदल जाएगा। अभी से ही इन तकनीकी का प्रयोग banking, agriculture, medical, लाइफस्टाइल में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है जबकि emerging technology अपने first phase में है इन का संपूर्ण विकास होने पर दुनिया कहां से कहां पहुंच जाएगी

चलिए जानते है कौन कौन सी emerging technologies है जिनसे बहुत बड़ा बदलाव होने बाला है।

EMERGING TECHNOLOGY

  • BLOCKCHAIN
  • NFT (Non Fungible Token)
  • Metaverse
  • Quantum Computer
  • Artificial Intelligence
  • Cloud Computing

BLOCKCHAIN

blockchain technology का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा जिस पर cryptocurrency बेस्ड है। बिटकॉइन ही नही हजारों cryptocurrency की माइनिंग ब्लॉकचैन technology से हो चुकी है।

तो आखिर यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है एवं यह emerging technology इतनी फेमस क्यों हो रही है।

ब्लॉकचेन का मतलब एक ऐसे सिस्टम से है जिसके तहत लेनदेन से जुड़ी सूचनाओं को दुनिया भर में करोड़ों कंप्यूटरों पर सूचनाओं को रखा जाता है। इसे पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली का विकल्प माना जा रहा है

ध्यान दीजिए कि जब आप अपने बैंक खाते गूगल पे, phone pe, पेटीएम जैसे ऐप के जरिए किसी दूसरे व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर करते हैं तब क्या होता है उस बैंक में आपके अकाउंट में रखी हुई रकम में से वह पैसा घटाया जाता है और दूसरे बैंक में सामने वाले शख्स के खाते में पैसा जोड़ दिया जाता है दोनों ही बैंकों में इसके लिए लेजर का इस्तेमाल होता है जो आप दोनों के बीच हुए पैसे के लेनदेन का ब्यौरा रखती है

बैंकों के साथ-साथ आजकल यह मोबाइल पर भी लागू होती है जरा सोचिए कि इस प्रक्रिया में बैंक का क्या रोल है उसका काम पैसे को सहेजने और उसके लेनदेन का ब्यौरा रखने का है बैंक यह प्रमाणित करता है कि आपके खाते में कितना पैसा है और आपने किस से कितना पैसा दिया या लिया है

यही काम बैंक की वजह किसी दूसरे तरीके से किए जाने लगे तो ब्लॉकचेन के पीछे यही परिकल्पना है इसके तहत दुनिया भर में फैले हुए कंप्यूटर पर इसी तरह के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है इस प्रणाली का बैंकों के साथ कोई संबंध नहीं है ब्लॉकचेन के तहत दी गई सूचना हमारी बैंकिंग सिस्टम से भी ज्यादा सिक्योर हैं क्योंकि इन सूचनाओं को अनगिनत दुनियाभर के कंप्यूटर पर रखी गई है इससे कंप्यूटर को कोई हैक नहीं कर सकता।

जिस क्रिप्टोकरंसी की आजकल बहुत चर्चा है वह तो फ्यूचर है भविष्य में सभी लेनदेन इसी emerging technology पर आधारित करेंसी से हुआ करेंगे जिसकी कई वजह है।

NFT (Non Fungible Token)

एनएफटी भी एक इमर्जिंग टेक्नोलॉजी है क्योंकि यह हाल ही में विकसित हुई है इसमें बहुत संभावनाएं तलाशी जा रही है सूचनाओं को सहेजने और प्रमाणित करने के स्वतंत्र जरिए के रूप में ब्लॉकचेन की कामयाबी ने और भी कई कल्पनाओं को जन्म दिया है इसी में से एक है non fungible token

यहां भी सूचनाओं को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ही कलेक्ट कर के रखा जाता है खासकर एथेरियम नामक प्रणाली में

क्रिप्टोकरंसी को तो हम जानते हैं और यह भी जानते कि अगर हमने क्रिप्टोकरंसी खरीदी है तो उसका हिसाब किताब ब्लॉकचेन में रखा जाएगा लेकिन मान लीजिए कि आपने करेंसी नहीं बल्कि कोई महंगी ओरिजिनल पेंटिंग ऐतिहासिक महत्व की कोई चीज या फिर कोई यादगार वस्तु जैसे किसी बड़ी हस्ती की पहनी हुई जैकेट खरीदी है तब क्या?

इन वस्तुओं की कोई भी copy बना सकता है परंतु वास्तव में ऐसी चीजें पूरी दुनिया में एक ही है जैसे मान लीजिए सचिन का bat जिससे उन्होंने इतने रन बनाए। आप ने सचिन से खरीद लिया और आप इस के मालिक बन जाते है परंतु यही वह असली bat हैं इसकी क्या guarantee है सिवाय इसके कि जहां से आप ने खरीदा है या फिर आप कोर्ट में प्रमाणित कर दे।

NFT इसी झंझट का सॉल्यूशन है

इसी non fungible token नामक प्रणाली के तहत इस तरह का डिजिटल पत्र जारी किया जाता है कि फलानी चीज जो दुनिया में सिर्फ एक ही है आपके पास है इस डिजिटल सर्टिफिकेट के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती

एनएफटी को बौद्धिक चीजों के साथ साथ वर्चुअल चीजों के साथ भी जोड़ा जा सकता है जैसे आपने कुछ समय पहले न्यूज पढ़ी होगी कि ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने अपनी पहली 29 लाख डॉलर में बेच दी। अब पहली नजर में तो यह ख्याल आता है कि कोई ट्वीट कैसे बेच सकता है

भला कोई डिजिटल फॉर्मेट पर की गई टिप्पणी को कैसे बेच सकता है उसे तो कोई भी कॉपी कर सकता है स्क्रीनशॉट ले सकता है या फिर वैसी ही टिप्पणी कर सकता है और यह कैसे से साबित होगा की है वही मूल टिप्पणी है क्योंकि उसे प्रिंट आउट की शक्ल में तो रखा नहीं गया है

तो एनएफटी इसी बात को प्रमाणित करता है कि जैक डोर्सी ने यह टिप्पणी बेच दी है और अब मलेशिया की एक क्रिप्टोकरंसी कंपनी के सीईओ इसके मालिक हैं अब दुनिया में कोई और इसे बेच नहीं सकता सिवाय इसके नए मालिक के भले ही लाखों लोगों ने उस मूल ट्वीट को रिट्वीट किया था जो भी चाहे उसकी कॉपी बना सकता है लेकिन उसका मालिकाना हक उसके नए मालिक के पास है आने बाले कुछ सालो में इस emerging technology के द्वारा ही हमारे स्कूल certificate एवं मार्कशीट बनने लगेगी जिससे कोई फर्जी मार्कशीट नहीं बना पायेगा

Metaverse emerging technology

metaverse से मतलब दुनिया में मौजूद एक अलग दुनिया या इसके समांतर दुनिया जिसमें वैसी ज्यादातर चीजें होंगी जो कि हमारी बहुत दुनिया में है इस वर्चुअल दुनिया में एक्सेस करने के लिए इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों की जरूरत होगी

यह वैसे ही होगा जैसे आप किसी वीडियो गेम को एक्सेस करते हैं गेम में आप खुद एक डिजिटल शख्सियत के रूप में मौजूद हैं और दूसरे खिलाड़ियों के साथ मुकाबला कर रहे हैं दोस्ती कर रहे हैं और अन्य किस्म की दूसरी गतिविधियों की कर रहे होते हैं

metaverse में हम अपना एक डिजिटल character बनाकर एंट्री करते है जिसे avater कहा जाता है। यह अन्य avatars से दोस्ती कर सकता है पार्टी म्यूजिक concerts कुछ भी कर सकेगा। यह रियल वर्ल्ड जैसा ही होता है अभी इसमें बहुत संभावनाएं खोजी जा रही है।

Microsoft, meta (Facebook), Nvidia, unity, decentraland कई कंपनियां इसको हकीकत बनाने में लगी हुई है आने वाले दशक के अंदर ही हम सब एक येसी दुनिया देखेंगे जिसकी अभी कल्पना भी नहीं कर सकते।

quantum computer

क्वांटम कंप्यूटर अपनी असीम ताकत की वजह से चर्चा में है सामान्य कंप्यूटर की तुलना में एक क्वांटम कंप्यूटर बहुत ज्यादा तेजी से गणना करने में सक्षम है और इसलिए यह इंसानियत के लिए वरदान हो सकता है नई नई चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है

जानना चाहेंगे यह तेजी कहां से आती है चलिए जानते हैं पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी डिजिट 0,1 से निर्मित मूलभूत इकाई के आधार पर काम करता है जिसे bit कहा जाता है यह हम सभी जानते हैं वहीं दूसरी तरफ क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट quantum bit को अपनाता है। bit का मान जहां केवल 0 या 1 ही हो सकता है वही qbit का मान 0,1 अथवा दोनो हो सकता है। सामान्य कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल होता है वही क्वांटम कंप्यूटर में परमाणु, इलेक्ट्रॉन, ion, photon, आदि का प्रयोग होता है। जिन्हें एक दूसरे पर सुपरिंपोज किया जाता है।

एक लाइन में समझ लेते हैं क्वांटम पर काम करने का तरीका पारंपरिक कंप्यूटर से अलग है और उसकी स्पीड 1000000 गुना अधिक है इसे एक उदाहरण से समझते हैं RSA नामक एक एंक्रिप्शन प्रणाली के जरिए इंक्रिप्ट की गई सूचनाओं को डिकोड करना इतना मुश्किल होता है कि अगर सामान कंप्यूटर की मदद से इस इंक्रिप्शन को तोड़ने की कोशिश की जाए तो 1 सेकंड में 10 खरब गणनाएं करने लायक बेहद शक्तिशाली कंप्यूटर को भी इस काम में 3 हजार खरब साल लगेंगे। दूसरी तरफ 10 लाख गणनाएं प्रति सेकंड करने में सक्षम क्वांटम कंप्यूटर 10 सेकंड्स में कर सकता है।

फिलहाल दुनिया में गिने-चुने क्वांटम कंप्यूटर ही विकसित किए जा सके हैं दुनिया का पहला बहुत छोटा क्वांटम कंप्यूटर 1997 बनाया गया था सन 2007 में कनाडा की डि वेब नामक कंपनी ने 28 क्यूबिट का ताकतवर क्वांटम कंप्यूटर पेश किया था। आज रिगेटी के क्वांटम कंप्यूटर को सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है जिसकी क्षमता 128 qbit की है। छोटे-मोटे सिस्टम को छोड़ दें तो आज की दुनिया में अच्छी क्षमता वाले क्वांटम कंप्यूटरों की संख्या 2 दर्जन से कम ही होगी इनका इस्तेमाल आईबीएम, इंटेल, गूगल, द गेटवे इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और माइक्रोसॉफ्ट नासा डिबेट,अलीबाबा तथा आई ओ एन क्यू जैसे इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड, बर्कले, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी मैं किया जा रहा है। इधर माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम ने क्लाउड के जरिए क्वांटम कंप्यूटर का इस्तेमाल करने की सुविधा दी है

AI (artificial intelligence)

emerging technologies
robotics

पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चर्चे हैं भविष्य में वह बहुत बड़ी तकनीकी ताकत बनेगी और हमारी जिंदगी के साथ घुल मिल जाएगी यह ना सिर्फ दुनिया में अभूतपूर्व बदलाव ला सकती है बल्कि हमारे घर रहने काम करने पढ़ने लिखने यात्रा करने कारोबार करने उद्योग चलाने इलाज करवाने जैसे तमाम तौर-तरीके बदल सकती है

माना जाता है कि इसकी वजह से दुनिया में उतना ही बड़ा बदलाव आने वाला है जितना कि बिजली के आने से आया था सोचो आज कौन सा काम है जिसमें किसी न किसी रूप में बिजली का इस्तेमाल नही होताआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत मशीन बहुत बुद्धिमान हो जायेगी

और इंसान की क्षमताओं से होड़ लेने लगेगी यह सुनना जहां रोमांचित करता है कि वही यह सवाल भी पैदा करता है कि फिर इंसान का क्या होगा आखिर यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है क्या? जिसने दुनिया भर में इतनी सुर्खियां बना दी हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब मशीनों के साथ इंसानों जैसी ही सीखने, विश्लेषण करने, सोचने, किसी बात को समझने, समस्याओं का समाधान करने, निर्णय लेने आदि क्षमताएं पैदा हो जाने से हैं

यह क्षमताएं जो इंसान के पास तो है लेकिन दुनिया में किसी दूसरे प्रणाली के पास नहीं है अगर किसी प्रणाली के पास इनमें से एक भी क्षमता भी है तो वह बेहद सूक्ष्म स्तर पर है लेकिन अब टेक्नोलॉजी ने इतनी तरक्की कर ली है कि बेजान मशीनों के भीतर से मिलती-जुलती शक्ति आ जायेगी या कहे की आने भी लगी है।

हमारी इंद्रियां जो काम करती हैं उनमें से कई काम अब मशीनें भी करने लगी है अब मशीन देख सकती हैं, सुन सकती हैं, बोल सकती हैं, चल सकती हैं यहां तक कि स्पर्श को भी महसूस कर सकती हैं। उन्नत शोध और विकास के अलावा ऐसे कई कारण हैं जिनकी बदौलत यह क्षमता पैदा हो रही है। इसका कारण बड़ी मात्रा में डाटा का उपलब्ध होना, उसका विश्लेषण करने की काबिलियत पैदा होना, कंप्यूटरों की छमता का बहुत अधिक बढ़ जाना, क्लाउड कंप्यूटिंग का विकास, इंटरनेट कनेक्टिविटी इत्यादि है आप आजकल मशीन हमारे बोल को अनुवाद कर शब्दो में परिवर्तन करने लगी है मतलब की हम बोल कर कंप्यूटर पर लिख सकते है मोबाइल में लिख सकते हैं अभी यह शुरुआत है बहुत आगे तक जाएगी।

cloud computing

क्लाउड शब्द का अर्थ है इंटरनेट पर मौजूद आधारभूत ढांचे से है जहां तमाम किस्म की तकनीकी संसाधन मौजूद होते हैं जैसे हार्डवेयर सॉफ्टवेयर और सेवाएं। इसका आसमान में जाने वाले बादलों से कोई संबंध नहीं है।

क्लाउड के तीन प्रकार है जिस में पहली ऐज ए सर्विस (IAAS) , सॉफ्टवेयर एस ए सर्विस (SAAS), और प्लेटफॉर्म एस ए सर्विस (PAAS) सॉफ्टवेयर शामिल है। एस ए सर्विस का तो नाम से ही स्पष्ट है और यह कि आप फोटोशॉप माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस या ऑटोकैड जैसे सॉफ्टवेयर को खरीदे बिना कुछ समय के लिए क्लाउड के जरिए इस्तेमाल कर सकते हैं प्लेटफार्म एलजी सर्विस का मतलब है ऐसे तकनीकी प्लेटफार्म जिनका इस्तेमाल करते हुए आप सॉफ्टवेयर बना सकते हैं उन्हें दूसरों को इस्तेमाल करने के लिए दे सकते हैं और मैनेज कर सकते हैं सब कुछ दूर से बिना इसे खरीदे हुए सिर्फ इंटरनेट के जरिए होता है

cloud कंप्यूटिंग इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आज जो कुछ बड़ा काम हो चुका है वह नहीं हो पाता अगर उसे क्लाउड कंप्यूटिंग की मदद ना मिली होती क्लाउड कंप्यूटिंग में विशाल कंप्यूटिंग पावर और स्टोरेज स्पेस को हम तक उपलब्ध करा दिया है

यह संसाधन मोटे तौर पर 3 तरह के होते हैं आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा का पूरा ढांचा इसमें हार्डवेयर सॉफ्टवेयर शामिल है मान लीजिए आप कुछ महीने के लिए महंगे कंप्यूटर पर काम करने की जरूरत है क्लाउड पर महंगे कंप्यूटरों का पूरा ढांचा मौजूद है आप इसका इस्तेमाल कर क्यों नहीं कर लेते। इसके लिए बस इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

और वहीं से मैं हार्डवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर लेंगे इन्हें वर्चुअल मशीन भी कहा जाता है जो कि आपके पास है नहीं लेकिन वर्चुअल रूप में देखा जाए तो है भी। मजे की बात यह है कि आपने ना तो मैं खरीदा है और ना ही वह आपके आसपास ही रखा है उसे इस्तेमाल करने के लिए वर्चुलाइजेशन तकनीकी का प्रयोग करते हैं या फिर किसी इंटरनेट ब्राउजर जैसे गूगल क्रोम, सफारी का उपयोग करते हैं।

जब आप ऐसे किसी ढांचे आधारभूत सुविधाओं का प्रयोग इंटरनेट के जरिए दूर से करते हैं तो ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर को एजे सर्विस कहा जाता है।

यह है वह उभरती हुई emerging technology जो की कुछ सालो बाद बहुत बड़े स्वरूप में हमारे चारों ओर नजर आयेगी और हमारी जिंदगी का हिस्सा हो जायेगी।

यह भी पढ़े – एफिलिएट मार्केटिंग , metavers kya hai

Akhilesh
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